नई दिल्ली, 26 मई (ए)। भारत सरकार द्वारा सोशल मीडिया के लिये बनाई गई नई गाइडलाइन के खिलाफ व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। व्हाट्सएप ने कहा है कि भारत सरकार बुधवार से लागू होने वाली अपनी नई पॉलिसी पर रोक लगाए, क्योंकि इससे प्राइवेसी खत्म हो रही है। व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपील की है कि सोशल मीडिया को लेकर भारत सरकार कई नई गाइडलाइन भारत के संविधान के मुताबिक यूजर्स की प्रइवेसी के अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि नई गाइडलाइन के मुताबिक सोशल मीडिया कंपनियों को उस यूजर्स की पहचान बतानी होगी जिसने सबसे पहले किसी मैसेज को पोस्ट या शेयर किया है।
व्हाट्सएप ने साफतौर पर कहा है कि यदि कुछ भी गलत होता है वह सरकार की शिकायत के बाद अपने नियमों के मुताबिक उस यूजर पर कार्रवाई करेगा। व्हाट्सएप प्लेटफॉर्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड है, इसलिए कानून का पालन करने के लिए व्हाट्सएप को इस एन्क्रिप्शन को तोड़ना होगा। ऐसे में व्हाट्सएप यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में आ जाएगी। भारत में व्हाट्सएप के करीब 55 करोड़ यूजर्स हैं।
सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म के तैयार किए गए नियम पर सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में कहा था कि यह नाकाफी है। कोर्ट ने अपने एक बयान में कहा कि ओटीटी और सोशल मीडिया के लिए बनाए गए नए नियम फिलहाल बिना दांत और नाखून वाले शेर की तरह हैं, क्योंकि इसमें किसी प्रकार के दंड या जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने नए नियम पर कोर्ट की टिप्पणी पर सहमति जताई और कहा कि नए नियम ओटीटी प्लेटफॉर्म को आत्मनियंत्रण का मौका देने के मकसद से बनाए गए हैं, लेकिन यह भी तर्क सही है कि बिना जुर्माना और दंड के प्रावधान के नियम का कोई मतलब नहीं है और यह दंतहीन है।
