नयी दिल्ली, नौ जनवरी (ए) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत एक नहीं, बल्कि दो ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वायरस टीकों के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है और दुनिया न केवल कोविड-19 से बचाव के लिए भारत के टीकों का इंतजार कर रही है बल्कि इस पर भी निगाह लगाए है कि कैसे वह विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाता है।
मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र पर एक वक्त संदेह प्रकट किया गया था, लेकिन आज भारत ही वह स्थान है जहां लोकतंत्र सबसे अधिक मजबूत है और सबसे जीवंत है।
प्रधानमंत्री ने 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जब भारत को आजादी मिली, तब कहा जाता था कि यह गरीब देश है, कम पढ़ा लिखा देश है और यह बिखर जायेगा, टूट जायेगा। यह भी कहा जाता था कि लोकतंत्र तो यहां संभव ही नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज सच्चाई यह है कि भारत एकजुट है और भारत ही वह स्थान है जहां लोकतंत्र सबसे अधिक मजबूत है और सबसे जीवंत है।’’ मोदी ने कहा कि हमने कभी दुनिया पर कोई चीज नहीं थोपी और न ही थोपने के बारे सोचा बल्कि भारत के बारे में जिज्ञासा पैदा की है।
कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के इस दौर में भारत ने फिर दिखा दिया कि हमारा सामर्थ्य क्या है और हमारी क्षमता क्या है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आज भारत दुनिया के सबसे कम मृत्यु दर और सबसे अधिक सुधार दर्ज करने वाले देशों में शामिल है।
मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत एक नहीं, बल्कि दो ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वायरस टीकों के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसा इतना बड़ा लोकतांत्रिक देश जिस एकजुटता के साथ खड़ा हुआ है, उसकी मिसाल दुनिया में नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत ने जो नई व्यवस्थाएं विकसित की हैं उनकी कोरोना वायरस के इस संकट में वैश्विक संस्थाओं ने प्रशंसा की है।
मोदी ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से गरीब से गरीब को मजबूत करने का जो अभियान आज भारत में चल रहा है, उसकी विश्व के हर कोने में और हर स्तर पर चर्चा हो रही है ।
उन्होंने कहा कि भारत आज भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि करोड़ों रुपये जो पहले तमाम कमियों की वजह से गलत हाथों में जाते थे, वो आज सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंच रहे हैं।
प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आप सभी ने, जहां आप रह रहे हैं वहां और भारत में, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बड़ा योगदान दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पीएम केयर्स में दिया गया आपका योगदान भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर रहा है।’’ मोदी ने कहा कि बीता साल हम सभी के लिए बहुत चुनौतियों का साल रहा है, लेकिन इन चुनौतियों के बीच विश्वभर में फैले भारतीय मूल के साथियों ने जिस तरह काम किया है, अपना फर्ज निभाया है, वह हम सभी के लिए गर्व की बात है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के कारण विदेशों में भारतीयों के रोजगार सुरक्षित रहें, इसके लिए राजनयिक स्तर पर हर संभव कोशिश की गई।
उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय से कहा कि भारत सरकार हर समय, हर पल आपके साथ, आपके लिए खड़ी है।
मोदी ने कहा, ‘‘दुनियाभर में कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण विदेशों में फंसे 45 लाख से ज्यादा भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत वापस लाया गया। विदेशों में भारतीय समुदायों को समय पर सही मदद मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किए गए।’’ उन्होंने कहा कि दुनियाभर में भारतीय समुदाय के साथ बेहतर कनेक्टिविटी के लिए ‘रिश्ता’ नाम का नया पोर्टल शुरु किया गया है। इस पोर्टल से मुश्किल समय में अपने समुदाय से संपर्क करना, उन तक पहुंचना आसान होगा।
इससे पहले सोलहवें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में मुख्य अतिथि सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने मुख्य संबोधन दिया। सम्मेलन का मुख्य विषय ‘आत्मनिर्भर भारत में योगदान’ है।