प्रयागराज, 11 सितंबर (ए) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वकीलों की शिकायतों का निवारण करने के लिए गठित न्यायिक समिति में अवध बार एसोसिएशन, लखनऊ के अध्यक्ष भी सदस्य होंगे।.
वकीलों की हड़ताल को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इस समिति का गठन किया गया है।.
इससे पूर्व, नौ सितंबर, 2023 को उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीश – न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता (अध्यक्ष), न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान इस न्यायिक समिति का हिस्सा होंगे। इसमें उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता या उनके द्वारा नामित व्यक्ति, राज्य विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी शामिल होंगे।
अदालत ने हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज की घटना के संबंध में अधिवक्ताओं की शिकायतों का निपटान करने के लिए इस न्यायिक समिति का गठन किया था। अदालत ने यह निर्देश भी दिया था कि उसे अधिवक्ताओं द्वारा पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी पर क्या कार्रवाई की गई, इस बारे में अवगत कराया जाए।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति महेश चन्द्र त्रिपाठी की खंडपीठ ने कहा, ‘‘नौ सितंबर के आदेश में हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया था जिसमें हमारे इरादे के अनुरूप अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी शामिल थे।’’
पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि, इस संबंध में किसी तरह के भ्रम की गुंजाइश को दूर करने के लिए हम यह स्पष्ट करते हैं कि अवध बार एसोसिएशन, लखनऊ के अध्यक्ष भी इस समिति के सदस्य होंगे।’’
उल्लेखनीय है कि एक महिला अधिवक्ता और उनके पिता के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के विरोध में जब 29 अगस्त को अधिवक्ता हापुड़ के जनपद न्यायालय में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब अधिवक्ताओं पर पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज किया।
तब से राज्य विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल) के आह्वान पर प्रदेश भर में अधिवक्ता न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं।