नयी दिल्ली: चार अक्टूबर (ए) उच्चतम न्यायालय ने अपने उस फैसले की समीक्षा के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि आरक्षण देने के लिए राज्यों को अनुसूचित जाति के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी, न्यायमूर्ति पंकज मिथल, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की सात सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि रिकॉर्ड में कोई त्रुटि नजर नहीं आती है।शीर्ष अदालत ने पुनर्विचार याचिकाओं को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने के आवेदन भी खारिज कर दिये।