नयी दिल्ली: तीन दिसंबर (ए) कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े ‘गंभीर मुद्दे’ मंगलवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाए और आग्रह किया कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा अविश्वास को दूर करने के लिए विस्तृत डेटा जारी किया जाए।
पार्टी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार शाम आयोग पहुंचा और पार्टी की तरफ से बिंदुवार मुद्दे रखे।इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले, वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और कुछ अन्य नेता शामिल हैं।कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में डेटा से संबंधित ‘‘गंभीर विसंगतियों’’ को लेकर शुक्रवार को निर्वाचन आयोग का रुख किया और इस पर विस्तृत जवाब की मांग की।
पार्टी ने एक ज्ञापन के माध्यम से यह आग्रह भी किया कि आयोग उसके नेताओं को मिलने का अवसर दे, ताकि वह इन ‘विसंगतियों’ तथा इस विधानसभा चुनाव से संबंधित कुछ अन्य मुद्दों को उठा सके।
इसके बाद आयोग ने कांग्रेस को तीन दिसंबर का समय दिया था।
आयोग के समक्ष अपनी बात रखने के बाद सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने विस्तृत रूप से अपनी बात रखी है। जो गंभीर मुद्दे हैं, उन पर डेटा जारी होना चाहिए था।’’
उनके अनुसार, ‘‘पहला बिंदु यह है कि लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। इसको लेकर हमने कहा कि इसका विस्तृत डेटा चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि नाम क्यों और कैसे हटाए गए हैं।’’
सिंघवी ने कहा कि दूसरा मुद्दा मतदाता सूची में नए नामों को जोड़ने का था, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद लगभग 47 लाख नाम जोड़े गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘तीसरा मुद्दा मतदान के बाद सात प्रतिशत तक मत प्रतिशत बढ़ने का है। हमने इसके लिए डेटा मांगा है, क्योंकि सात प्रतिशत वोट तो चुनाव का पूरा खेल बदल सकता है। एक और बिंदु यह है कि कुल 118 विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां लोकसभा चुनाव के मुकाबले 25 हजार तक की बढ़त हुई है। इनमें से अधिकतर क्षेत्रों में भाजपा और उसके सहयोगियों की जीत हुई है।’’
सिंघवी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि ऐसा जवाब मिलेगा, जो पारदर्शी होगा और अविश्वास को दूर करेगा।’’