पश्चिम बंगाल के राज्यपाल मनरेगा कार्यों से वंचित लोगों के साथ चर्चा करेंगे

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दार्जिलिंग/कोलकाता, आठ अक्टूबर (ए) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने रविवार को कहा कि वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत काम से वंचित लोगों से मिलेंगे और उनकी शिकायतों को केंद्र के समक्ष उठाएंगे।

केंद्र ने मनरेगा योजना के तहत राज्य का धन रोक दिया है। राजभवन के बाहर प्रदर्शन को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, राज्यपाल ने दार्जिलिंग में पत्रकारों को एक ‘प्रिंस लॉयन’ और हाथी की कहानी भी उदाहरण के तौर पर सुनाई । उन्होंने कहा कि हाथी ने ‘प्रिंस लॉयन’ को केवल इतना पूछने पर दंडित किया कि जंगल का राजा कौन है।

बोस बंगाल के उत्तरी हिस्से में बाढ़ की स्थिति का दौरा करने दार्जिलिंग गए हैं। राजभवन के एक सूत्र ने बताया कि राज्यपाल ने मुख्य सचिव एच के द्विवेदी को भी पत्र लिखकर पूछा है कि राजभवन के बाहर टीएमसी के धरना प्रदर्शन के लिए क्या अनुमति दी गई थी?

बोस ने कलिम्पोंग में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं वंचितों से बात करूंगा। मैं सीधे उनकी शिकायतें सुनूंगा। उसके बाद, मैं न केवल केंद्र बल्कि सभी संबंधित पक्षों से बात करूंगा।’’

टीएमसी के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को दार्जिलिंग में बोस से मुलाकात की, जहां उन्होंने योजना के तहत राज्य की वित्तीय बकाया राशि की मंजूरी के संबंध में मांगें प्रस्तुत कीं। प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के तुरंत बाद बोस ने कहा कि वह राज्य के मनरेगा बकाए का मामला केंद्र के समक्ष उठाएंगे।

राजभवन के सूत्र ने बताया कि राज्यपाल रविवार सुबह बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए कलिम्पोंग के तीस्ता बाजार इलाके में गए। राज्यपाल के रविवार को ही कोलकाता लौटने का कार्यक्रम है।

हालांकि, इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई कि कोलकाता लौटने के बाद राज्यपाल टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से मिलेंगे या नहीं।

सूत्र ने कहा, ‘‘राज्यपाल ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जानना चाहा कि क्या राजभवन के बाहर धरना-प्रदर्शन करने के लिए टीएमसी को उचित अनुमति दी गई थी। उन्होंने मुख्य सचिव से यह भी पूछा कि राज्य में सत्तारूढ़ दल को उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने में कानून का कहां उल्लंघन हुआ है, जहां राजभवन की सीमा से 150 मीटर तक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू होनी चाहिए।’’

टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी और पार्टी के कार्यकर्ताओं का राजभवन के बाहर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन रविवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि जब तक राज्यपाल उनसे प्रदर्शन स्थल पर नहीं मिलेंगे तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पांच अक्टूबर को कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों का राज्य द्वारा अनुपालन न करने के कारण मनरेगा की धारा 27 के अनुसार, पश्चिम बंगाल के लिए नौ मार्च, 2022 से धन जारी करना रोक दिया गया।