नयी दिल्ली, 29 सितंबर (ए) उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कर्मियों को ‘कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923’ के तहत ‘कामगार’ माना जा सकता है और वे ड्यूटी के दौरान लगी चोट के लिए मुआवजे का दावा कर सकते हैं, भले ही यह (आरपीएफ) केंद्र सरकार का एक सशस्त्र बल है।.
