नयी दिल्ली: 13 फरवरी (ए) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिविल सेवा परीक्षा-2025 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने विस्तृत आवेदन पत्र (डीएएफ)-1 और डीएएफ-2 की जगह पंजीकरण और ऑनलाइन आवेदन पत्र का एक नया ‘मॉड्यूल’ पेश किया है।
उन्होंने कहा कि इस ‘मॉड्यूल’ को लागू करने का प्राथमिक उद्देश्य उम्मीदवारों के लिए सुविधाएं बढ़ाना, आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और परीक्षा चक्र को इष्टतम करना है।कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा अधिसूचित सीएसई नियमों के अनुसार वार्षिक रूप से आयोजित की जाती है।
उन्होंने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, ‘‘सीएसई-2025 में यूपीएससी द्वारा विस्तृत आवेदन पत्र (डीएएफ)-1 और डीएएफ-2 की जगह पंजीकरण और ऑनलाइन आवेदन पत्र का एक नया मॉड्यूल पेश किया गया है।’’
सिंह ने अधिसूचित नियमों की धाराओं का हवाला दिया, जो आवेदक को ऑनलाइन आवेदन पत्र के साथ विभिन्न दावों जैसे जन्म तिथि, आरक्षण श्रेणी और शैक्षिक योग्यता के लिए आवश्यक जानकारी और सहायक दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य बनाती हैं।
नियमों में कहा गया है, ‘‘पंजीकरण और ऑनलाइन आवेदन पत्र के साथ आवश्यक जानकारी या दस्तावेज प्रदान करने में विफलता परीक्षा के लिए उम्मीदवारी को रद्द कर देगी।’’
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित अन्य सेवाओं के अधिकारियों के चयन के लिए यूपीएससी हर साल तीन चरणों – प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार – वाली सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करती है।
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि वर्तमान में, सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषयों की सूची में चिकित्सा विज्ञान एक विषय है।
उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय के तौर पर किसी नए विषय को शामिल करने के मामले पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने समीक्षा की है और उसे विचार करना व्यावहारिक नहीं पाया गया है।
सिंह सिविल सेवा परीक्षाओं में फार्मेसी को वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल नहीं किए जाने के कारणों को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।