राष्ट्रपति मुर्मू ने सशस्त्र बल कर्मियों के लिए 80 वीरता पुरस्कार, अन्य अलंकरणों को मंजूरी दी

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नयी दिल्ली: 25 जनवरी (ए) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर छह कीर्ति चक्र और 16 शौर्य चक्र सहित 80 वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दे दी।

छह कीर्ति चक्र में से तीन को मरणोपरांत और 16 शौर्य चक्र में से दो को मरणोपरांत प्रदान किये जाने की घोषणा की गई।कीर्ति चक्र अशोक चक्र के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है, जबकि शौर्य चक्र शांतिकाल का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार जिन्हें कीर्ति चक्र पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई उनमें पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) की 21वीं बटालियन के मेजर दिग्विजय सिंह रावत, सिख रेजिमेंट की चौथी बटालियन के मेजर दीपेंद्र विक्रम बासनेत और महार रेजिमेंट की 21वीं बटालियन के हवलदार पवन कुमार यादव शामिल हैं।

मंत्रालय के अनुसार मरणोपरांत पुरस्कार से सम्मानित किये जाने वालों में पंजाब रेजिमेंट (आर्मी मेडिकल कोर) की 26वीं बटालियन के कैप्टन अंशुमान सिंह, पैराशूट रेजिमेंट की नौवीं बटालियन (विशेष बल) के हवलदार अब्दुल माजिद और राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन के सिपाही पवन कुमार शामिल हैं।

इसके अनुसार शौर्य चक्र पुरस्कार विजेताओं में पैराशूट रेजिमेंट की 21वीं बटालियन के मेजर मानेओ फ्रांसिस, सिख रेजिमेंट की चौथी बटालियन के मेजर अमनदीप जाखड़, महार रेजिमेंट के नायब सूबेदार बारिया संजय कुमार भामर सिंह, 9 असम राइफल्स के हवलदार संजय कुमार और राष्ट्रीय राइफल्स से पुरुषोत्तम कुमार शामिल हैं।

भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट बिमल रंजन बेहरा और भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर शैलेश सिंह (पायलट), फ्लाइट लेफ्टिनेंट हृषिकेश जयन करुथेदथ (पायलट) और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सहायक कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह भी शौर्य चक्र पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान मोहन लाल, अमित रैना, फरोज अहमद डार और वरुण सिंह को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई।

मरणोपरांत यह पुरस्कार पाने वालों में राष्ट्रीय राइफल्स की 63वीं बटालियन के कैप्टन एमवी प्रांजल और 18 असम राइफल्स के राइफलमैन आलोक राव शामिल हैं।

पुरस्कारों में 53 सेना पदक (सात मरणोपरांत), एक नौसेना पदक (वीरता) और चार वायु सेना पदक (वीरता) भी शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों और अन्य कर्मियों के लिए 311 रक्षा अलंकरणों को भी मंजूरी दी। इनमें 31 परम विशिष्ट सेवा पदक, चार उत्तम युद्ध सेवा पदक, 59 अति विशिष्ट सेवा पदक और 10 युद्ध सेवा पदक शामिल हैं।रक्षा अलंकरणों में आठ ‘बार टू सेना’ पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 38 सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 10 नौसेना पदक, 14 वायु सेना पदक, पांच ‘बार टू विशिष्ट सेवा पदक’ और 130 विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं।