नयी दिल्ली, 17 सितंबर (ए) संसद के पांच दिवसीय सत्र से एक दिन पहले रविवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई दलों ने सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की जोरदार हिमायत की, जिस पर सरकार ने कहा कि वह उपयुक्त समय पर निर्णय लेगी।.
सोमवार से शुरू हो रहे सत्र की पूर्व संध्या पर बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में सरकार ने आधिकारिक रूप से सूचित किया कि मंगलवार को गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर नये संसद भवन में प्रवेश करेंगे।.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि जाति आधारित गणना, महंगाई, बेरोजगारी, चीन से जुड़ा सीमा विवाद, मणिपुर में स्थिति और कुछ स्थानों पर कथित सामाजिक संघर्ष जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग पार्टी की ओर की गई है। कुछ अन्य विपक्षी दलों ने भी इनमें से कुछ विषयों पर इसी तरह की राय रखी।
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 10 अगस्त को राज्यसभा में, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल के संबंध में पेश विधेयक को आगामी सत्र में पारित कराने के लिए सरकार ने कार्यसूची में शामिल किया है, जिसकी कुछ विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है और उनके नेताओं ने इसे ‘असंवैधानिक’ बताया है।
हालांकि, बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में महिला आरक्षण की जोरदार वकालत की गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कांग्रेस एवं उसके सहयोगियों की इस मांग में उनका साथ दिया।
साथ ही, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और बीजू जनता दल (बीजद) ने सरकार से आग्रह किया कि संसद की कार्यवाही नयी इमारत में स्थानांतरित होने के महत्वपूर्ण अवसर पर महिला आरक्षण विधेयक पारित कर इतिहास रचा जाए।
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी में महिला सांसदों की अपेक्षाकृत बड़ी संख्या का उल्लेख किया और उसने महिलाओं के आरक्षण के लिए विधेयक की आवश्यकता का समर्थन किया।