नयी दिल्ली: 24 अप्रैल (ए)।) कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान द्वारा रची गई साजिश से हुआ पहलगाम आतंकी हमला भारतीय गणराज्य के मूल्यों पर सीधा हमला है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस गंभीर त्रासदी का फायदा उठाकर ध्रुवीकरण और विभाजन को बढ़ावा दे रही है।
पार्टी ने अपनी कार्य समिति की बैठक के बाद यह भी कहा कि उन खुफिया विफलताओं और सुरक्षा खामियों का व्यापक विश्लेषण किया जाना चाहिए, जिनके कारण केंद्र शासित प्रदेश में इस तरह का हमला हुआ।
कार्य समिति की बैठक में यह तय हुआ कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद बृहस्पतिवार शाम होने वाली सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की ओर से, संसद के दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष शामिल होंगे।कांग्रेस ने यह मांग भी की है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस बैठक की अध्यक्षता करनी चाहिए।
बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कार्य समिति द्वारा पारित प्रस्ताव पढ़ा।
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘कार्य समिति 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुए जघन्य आतंकवादी हमले पर गहरी चिंता व्यक्त करती है, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई और 20 से अधिक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। कार्य समिति शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है। गहन पीड़ा की इस घड़ी में यह पूरे दिल से उनके साथ खड़ी है।’
कार्य समिति ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा रचा गया आतंक का यह कायरतापूर्ण कृत्य भारतीय गणराज्य के मूल्यों पर सीधा हमला है।
समिति ने कहा, ‘पूरे देश में भावनाएं भड़काने के लिए जानबूझकर हिंदुओं को निशाना बनाया गया। हम इस गंभीर उकसावे के सामने शांति की अपील करते हैं और विपरीत परिस्थितियों में अपनी सामूहिक शक्ति को दोहराते हैं। ‘
प्रस्ताव में कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी शांति की अपील करती है और दृढ़ संकल्प और एकता के साथ सीमा पार आतंकवाद से लड़ने के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दीर्घकालिक संकल्प की पुष्टि करती है।
कांग्रेस कार्य समिति ने कहा, ‘राष्ट्र की सामूहिक इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 22 तारीख की रात को ही माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया था। यह बैठक अब आज के लिए निर्धारित की गई है।’
कार्य समिति ने कहा, ‘ पहलगाम को एक भारी सुरक्षा वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है। यह जरूरी है कि खुफिया विफलताओं और सुरक्षा खामियों का व्यापक विश्लेषण किया जाए, जिसके कारण केंद्र शासित प्रदेश में इस तरह के हमले को अंजाम दिया गया – यह क्षेत्र सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के दायरे में आता है। ‘
समिति ने कहा, ‘इन सवालों को व्यापक जनहित में उठाया जाना चाहिए। यह एकमात्र तरीका है जिससे वास्तव में उन परिवारों को न्याय मिलता हुआ देखा जा सकता है जिनका जीवन इतनी बेरहमी से तबाह हो गया है।’
प्रस्ताव में कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी ने इस बारे में विचार किया और कहा कि कि इस वार्षिक यात्रा में भारत भर से लाखों तीर्थयात्री भाग लेते हैं तथा उनकी सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता माना जाना चाहिए।
कार्य समिति ने कहा, ‘बिना किसी विलंब के मजबूत, पारदर्शी और सक्रिय सुरक्षा व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजीविका की पूरी ईमानदारी और गंभीरता से रक्षा की जानी चाहिए। वहां कई लोग पर्यटन पर निर्भर हैं ।’
उसने कहा, ‘इस नरसंहार की जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों के व्यापक वर्ग ने उचित निंदा की है।’
कार्य समिति ने दावा किया कि भाजपा आधिकारिक और प्रतिनिधि सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से इस गंभीर त्रासदी का फायदा उठाकर ऐसे समय में कलह, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन को बढ़ावा दे रही है जब एकता और एकजुटता की सबसे ज्यादा जरूरत है।
कार्य समिति ने कहा कि बैठक में दो मिनट मौन रखकर पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।
वेणुगोपाल ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की ओर से दोनों नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी बैठक में जा रहे हैं।
बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम अहमद मीर ने दावा किया कि पहलगाम हमले को लेकर सुरक्षा और खुफिया नाकामी का भी सवाल उठता है।
उन्होंने कहा, ‘ऐसी खबर है कि कुछ जानकारी पहले से थी। ऐसे में हमारी एजेंसियों और सुरक्षा से जुड़े लोगों को ज्यादा सजग रहना चाहिए था। यह हमारी चिंता है।’
मीर ने कहा कि वहां उतनी सुरक्षा नहीं थी जैसे पहले होती थी।
पार्टी के पुराने मुख्यालय ’24 अकबर रोड’ पर हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कार्य समिति के कई अन्य सदस्य मौजूद थे।
राहुल गांधी इस हमले के बाद अपना अमेरिका दौरा बीच में ही रद्द करके स्वदेश पहुंचे और इस बैठक में शामिल हुए।
आतंकवादियों ने मंगलवार की दोपहर को कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गयी। इस आतंकी हमले में मारे गये लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे।