गोरखपुर (उप्र): 14 मार्च (ए) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि महाकुंभ के बाद अब होली के त्योहार ने सनातन धर्म के विरोधियों को जवाब दे दिया है।
मुख्यमंत्री ने होली के अवसर पर शुक्रवार सुबह होलिका दहन के भस्म के तिलक से शुरुआत करने और फिर घंटाघर से निकलने वाली भगवान नृसिंह की पारंपरिक रंगभरी शोभायात्रा में शामिल होकर होली खेली।मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग सनातन धर्म की परंपराओं पर और सनातन धर्म पर प्रश्न उठाते थे, उन लोगों को जवाब है होली। जो लोग सनातन को बदनाम करते हैं और हमेशा दुष्प्रचार करते हैं कि सनातन धर्म जाति के नाम पर, मत और संप्रदाय के नाम पर, क्षेत्र और भाषा के नाम पर, अगड़ी-पिछड़ी के नाम पर, छुआछूत और अस्पृश्यता के नाम पर बंटा है, इन दुष्प्रचारों का जवाब महाकुंभ के बाद आज होली ने भी दे दिया है।
होली पर एक साथ हर भारतवासी, हर सनातन धर्मावलंबी गले मिल रहा था, रंग और गुलाल लगा रहा था, उत्साह-उमंग के साथ भारत की सनातन परंपरा को मजबूती प्रदान कर रहा था। यही तो हमारी सबसे बड़ी ताकत है। महाकुंभ के बाद होली के पर्व ने अपनी परंपरा और संस्कृति के प्रति श्रद्धा व आस्था का भाव प्रदर्शित कर यही संदेश दिया है सनातन लोगों के बीच कोई बटवारा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंटवारा तो सनातन धर्म को बदनाम करने वालों की बुद्धि में है, ऐसे लोगों की बुद्धि दूषित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश ने लंबे समय तक गुलामी झेली है। आक्रांताओं ने होली, दीपावली जैसे पर्व-त्योहार और महाकुंभ जैसे आयोजनों को बाधित करने का प्रयास किया, लेकिन सनातनियों की अधिक आस्था के चलते वे कभी सफल नहीं हो पाए। सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म को जीवन पद्धति कहा जाता है।इसमें अगर कभी कोई विकृति किन्हीं कारणों से आ गई हो तो उसके परिमार्जन का मार्ग हमारे पर्व-त्योहार स्वयं ही आगे बढ़ा देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया देख रही थी जब 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच, 45 दिनों के प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाना दुनिया के लिए कौतुक और आश्चर्य का विषय था। दुनिया के लिए यह चमत्कार जैसा था, लेकिन सनातन धर्मावलंबियों के लिए वह सामान्य जीवन पद्धति का हिस्सा था। क्योंकि कुंभ की परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है। यह भारत की ज्ञान की परंपरा और ऋषि परंपरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान करने आए ही, इसके साथ ही दुनिया में ऐसा कोई सनातन धर्मावलंबी लंबी नहीं होगा, जिसके घर महाकुंभ का गंगाजल न पहुंचा हो। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस की यात्रा पर गए थे और मॉरीशस के राष्ट्राध्यक्ष को उन्होंने गंगाजल भेंट किया।